कंकाल (skeleton)

कंकाल-


कंकाल क्या है?????
नमस्कार दोस्तों आज हम चर्चा करेंगे कंकाल क्या है-
प्राणियों के शरीर में पाई जाने वाली कठोर संरचनाएं जो शरीर को सहारा  तथा मजबूत आधार प्रदान करती हैं कंकाल कहलाती है]

कंकाल के प्रमुख कार्य-
  1. सबसे महत्वपूर्ण यह शरीर को सहारा प्रदान करने का कार्य करता है
  2. यह शरीर की आकृति निश्चित बनाए रखने में सहायक होता है
  3. कंकाल मांसपेशियों के जुड़ने का स्थान उपलब्ध करवाता है गति के समय यह उत्तोलक का कार्य करता है
  4. कंकाल शरीर के कोमल अंगों की सुरक्षा भी करता है जैसे मनुष्य का कपाल एवं कशेरुक दंड केंद्रीय तंत्रिका की सुरक्षा करता है तथा पसलियों फेफड़ों यकृत हृदय आदि कोमल अंगों की सुरक्षा करने का कार्य भी करता है
प्राणीयों मे कंकाल तीन प्रकार का हो सकता है-
                         तो आइए हम अब इनके बारे में चर्चा करते हैं
  1. द्रव स्थैतिक कंकाल (Hydrostatic skeleton)
  2. बाह्य कंकाल           (ExoSkeleton)
  3. अन्तः कंकाल          (Endoskeleton)










                अब हम सबसे पहले द्रव स्थैतिक कंकाल के बारे में अध्ययन करेंगे-
कुछ प्राणियों में तरल पदार्थ कंकाल का कार्य करता है इस कंकाल को द्रव स्थैतिक कंकाल कहते हैं
                    -इस प्रकार का कंकाल कई कृमियो मे पाया जाता है।
जब पेशियां संकुचित होती हैं तो तरल पदार्थ पर दबाव पड़ता  है जो प्राणी के शरीर में दबाव उत्पन्न करता है। पेशियों के प्रसारण से तरल पदार्थ प्राणी को पुनः मूल आकृति में ले आता है।

बाह्य कंकाल-
कठोर संरचनाएं जब प्राणी के शरीर केेेेेे बाहर पाई जाती है तो उन्हे बाह्य कंकाल कहते हैं।-
इस प्रकार का कंकाल -संघ मोलस्का सीलेन्ट्रेटा ओर्थ्रोपोडा इकाईनोडर्मेटा तथा पोरीफेरा व प्रोटोजोआ के सदस्यों  मे बाह्य कंकाल पाया जाता है।

 अन्तः कंकाल- 
प्राणी के शरीर के अंदर पाए जाने वाली कठोर संरचनाओं जो शरीर को सहारा प्रदान करती है तथा पेशियों के जुड़ने के लिए संधि तल उपलब्ध कराती हैं वे संरचनाएं अन्तः कंकाल कहलाती हैं
सभी कशेरुकी प्राणियों में अन्तः कंकाल पाया जाता है परंतु कुछ अकशेरुकी
प्राणियों मे भी अन्तः कंकाल जैसे पोरीफेरा संघ के कुछ सदस्योंं में अन्तः कंकाल बनाने वाली कंटीकाएँ पाई जाती हैं



बाह्य तथा अन्तः कंकाल कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थों के बने होते हैं एक अकार्बनिक पदार्थ कठोर होतेे हैं भंगुर भी होते हैं जबकि कार्बनिक पदार्थ इतने कठोर तो नहीं होते परंतु ये लचीले होते हैं अतः दोनों मिलकर मजबूत एवं लचीला कंकाल बनाते हैं
ये मुख्यतः कैल्शियम कार्बोनेट  कैल्शियम फास्फेट तथा अकार्बनिक लवणो से बने होतेे हैं

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