संदेश

सितंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मानव शरीर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

चित्र
मानव शरीर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य अस्थियों की कुल संख्या- 206 सबसे छोटी अस्थि-   स्टेपिज ( मध्य कर्ण )में सबसे लंबी अस्थि -  फीमर (जंघा में)मानव शरीर कशेरुकाओं की कुल संख्या - 33 पेशियों की कुल संख्या -639 सबसे लंबी पेशी - सारटोरियस बड़ी आंत्र की लंबाई -1.5 मीटर छोटी आंत्र की लंबाई -6.25 मीटर यकृत का भार पुरुष में- 1.4 - 1.8 किलोग्राम यकृत का भार महिला में -1. 2 -1.4 किलोग्राम सबसे बड़ी ग्रंथि -यकृत यह भी पढ़ें-  जंतु विज्ञान से संबंधित रोचक तथ्य सर्वाधिक पुनरुदभवन की क्षमता- यकृत सबसे कम पुनरुदभवन की क्षमता- मस्तिष्क सबसे बड़ी लार ग्रंथि -पैरोटिड शरीर का सामान्य तापमान- 37° सेल्सियस शरीर में रुधिर की मात्रा- 5.5 लीटर हिमोग्लोबिन की औसत मात्रा पुरुष में - 13-16g/dl महिला में -11.5-14g/dl WBCs की संख्या 5000 - 10000 cu mm. सबसे छोटी WBC -लिंफोसाइट  सबसे बड़ी WBC -मोनोसाइट RBCs का जीवनकाल -120 दिन WBC का जीवनकाल- 2 से 5 दिन रुधिर का थक्का बनने का समय -3-6 मिनट सर्वग्राही रुधिर वर्ग -AB सर्वदाता रुधिर वर्ग- O सामान्य रुधि

जंतु विज्ञान से संबंधित प्रमुख तथ्य

चित्र
जंतु विज्ञान से संबंधित प्रमुख तथ्य  सबसे बड़ा स्तनी- नीली व्हेल सबसे बड़ा विशाल स्थलीय स्तनी- हाथी  सबसे बड़ी अस्थि- फिमर सबसे बड़ा सर्प- अजगर सबसे बड़ी मछली- रिनोडॉन टाइपस सबसे बड़ा सीलेन्ट्रेट- साइनिया, जेलीफिश सबसे बड़ा अंडा- शुतुरमुर्ग का सबसे बड़ी शिरा- इनफीरियर वेना केवा सबसे बड़ा स्थलीय पक्षी- शुतुरमुर्ग विशालतम जीवित सरीसृप- टर्टिल विश्व में सबसे विषैला सर्प- ऑस्ट्रेलिया का पेनिन्सुलर टाइगर सर्प सबसे लंबा स्तनी- जिराफ सबसे छोटी चिड़िया- हमिंग बर्ड दांत रहित स्तनी- चिंटीखोर शरीर का सबसे व्यस्त भाग- यकृत सबसे भारी कशेरूका- लुम्बर सबसे मजबूत पेशी- जबड़े की आदमी को प्रतिदिन आवश्यक कैलोरी- 3900 कैलोरी महिलाओं को प्रतिदिन आवश्यक कैलोरी- 2400 कैलोरी सबसे पुराना प्राइमेट-लीमर  यह भी देखें  First  Person of Rajasthan सबसे पुराना आर्थोपोड- पेरीपेटस सबसे पुराना स्तनी- एकिडना सबसे पुराना कपि- गिब्बन सबसे विषैला भारतीय सर्प- किंग कोबरा सबसे विषैली छिपकली- हीलोडर्मा सबसे विषैली मछली- स्टोन मछली अंडे देने वाले स्तनी- एकिडना ,डक बि

भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध

चित्र
भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध  सिकंदर व पोरस -    326 ई.पू.    वितस्ता /  झेलम का युद्ध तराइन का प्रथम युद्ध- 1191      मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान तराइन का द्वितीय युद्ध- 1192    मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान चंदावर का युद्ध- 1194             मोहम्मद गोरी व राजा जयचंद पानीपत का प्रथम युद्ध- 1526    बाबर और इब्राहिम लोदी  यह भी जाने  मनुष्य में श्वसन खानवा का युद्ध- 1527             बाबर व राणा सांगा चंदेरी का युद्ध- 1528               बाबर व मेदिनीराय चौसा का युद्ध -1529               हुमायूं व शेरशाह सूरी घाघरा का युद्ध- 1539              बाबर व अफगान यह भी जाने- स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नारे बिलग्राम का युद्ध- 1540           शेरशाह सूरी व हुमायूं पानीपत का द्वितीय युद्ध- 1556 अकबर व हेमू तालीकोटा का युद्ध- 1565        बहमनी व विजयनगर हल्दीघाटी का युद्ध -1576         राणा प्रताप व अकबर असीरगढ़ का युद्ध -1599-1600 अकबर व मीरन बहादुर करनाल का युद्ध -1739            नादिरशाह व मुगल सम्राट प्ल

राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी प्रमुख नारे

चित्र
राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी प्रमुख नारे राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी प्रमुख नारे  बाल गंगाधर तिलक- "स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है" रामप्रसाद बिस्मिल -"सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है" इकबाल -"सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा"  बंकिमचंद्र चटर्जी -"वंदे मातरम" महात्मा गांधी -"हमने घुटने टेक कर रोटी मांगी किंतु पत्थर मिले" रवींद्रनाथ टैगोर- "जन गण मन अधिनायक जय है" जवाहरलाल नेहरू- "हु लिव्स इफ इंडिया डाइज" भगत सिंह -"इंकलाब जिंदाबाद"  यह भी जाने- नमक यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन सुभाष चंद्र बोस- "दिल्ली चलो" महात्मा गांधी -"करो या मरो" सुभाष चंद्र बोस- "जय हिंद" महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ( क्रिप्स प्रस्ताव के संदर्भ में)-  "यह एक ऐसा चेक है जिसका बैंक पहले ही नष्ट हो जाने वाला था" सी आर दास -"समूचा भारत एक विशाल बंदीगृह हैं" लाला लाजपत राय- "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य

भारत की प्रमुख जनजातियां

चित्र
 भारत की प्रमुख जनजातिया भारतीय जनजातियां  जम्मू कश्मीर -बकरवाल, गद्.दी आदि हिमाचल प्रदेश- गुर्जर ,किन्नर, गद्.दी राजस्थान- भील ,मीणा ,कथोङिया, गरासिया आदि आंध्र प्रदेश- चेंचू, यनाड़ी ,कुरुम्बा ,खोण्ड ,बगडाज, कोया ,वगोटा आदि केरल- इरुला, कुरुम्बा ,कडार, पुलियान आदि तमिलनाडु -टोडा ,कोटा, कुरुम्बा, बड़ागा आदि अंडमान एवं निकोबार- ग्रेट अंडमानी, निकोबारी ,ओंगे, जारवा, शौम्पेन, सेण्टेनलीज आदि अरुणाचल प्रदेश - अप्तानी, मिशमी, डफला ,मिरी ,आका ,सिंगपों ,खामती भारत के प्रमुख वायसराय व उनके समय हुई प्रमुख घटनाएं झारखंड -सन्थाल ,पहाड़िया, मुण्डा ,हो ,बिरहोर ,ओरावँ, खरिया, तमारिया असम -चकमा ,मिकिर ,कचारी, बोरो आदि मेघालय- गारो ,खासी, जयंतिया ,हमार आदि मणिपुर- कुकी ,लेपचा ,मुघ आदि त्रिपुरा -भूटिया ,चकमा ,गारो ,कुकी आदि मिजोरम- मिजो ,लाखेर आदि पश्चिम बंगाल -असुर, भूमिज, बिरहोर, लोधा ,लेपचा ,महाली ,मालपहाड़िया ,पोलिया आदि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड -थारू  ,भोटिया, जौनसारी ,भोक्सा, राजी ,खासा ,भुइयाँ ,खरवाड. ,मांझी ,कोल आदि ओडिशा -जुआंग ,संवारा ,करिया ,खोण

भारत के प्रमुख वायसराय व उनके समय हुए प्रमुख परिवर्तन अथवा घटनाएं

चित्र
 भारत के प्रमुख वायसराय व उनके समय हुए प्रमुख परिवर्तन अथवा घटनाएं - भारत के प्रमुख वायसराय एवं उनके समय हुए प्रमुख परिवर्तन अथवा घटनाएं -लॉर्ड हार्डिंग  लॉर्ड कैनिंग 1856 - 1862 ई. - अंतिम गवर्नर जनरल व प्रथम वायसराय 1857 का विद्रोह, ट्रेनों का विस्तार, कोलकाता, मुंबई और मद्रास विश्वविद्यालय की स्थापना(1857) भारत में बजट पद्धति का प्रारंभ तथा हाई कोर्टों की स्थापना । लॉर्ड लिटन 1876 -1884ई. - दिल्ली दरबार का आयोजन, महारानी विक्टोरिया को केसर -ए-हिंद की उपाधि । वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट तथा इंडियन आर्म्स एक्ट।  लॉर्ड रिपन (1880-1884) - अफगान युद्ध की समाप्ति, इल्बर्ट बिल पर बहस, प्रेस की स्वतंत्रता ,प्रथम फैक्ट्री अधिनियम ,स्थानीय स्वशासन की शुरुआत ,जनगणना प्रणाली की स्थापना, स्कूली शिक्षा हेतु हण्टर आयोग की नियुक्ति । लॉर्ड कर्जन (1899 -1905) - शासन तथा शिक्षा सुधार ,महामारी और अकाल ,भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904 ,पुलिस आयोग का गठन ,टॉमस रैले विश्वविद्यालय आयोग का गठन ,रेलवे बोर्ड का गठन ,बंगाल का विभाजन लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ( 1910 - 1916 ) - सम्राट जॉर्ज पंचम का

भारत में प्रथम महिला

 भारत में प्रथम महिला राष्ट्रपति - श्रीमती प्रतिभा पाटिल प्रधानमंत्री - श्रीमती इंदिरा गांधी इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली- आरती साहा भारत एवं विश्व दोनों में राज्यपाल - श्रीमती सरोजनी नायडू विदेश मंत्री- सुषमा स्वराज आईपीएस - किरण बेदी राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष- ए नी बेसेण्ट संघ लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष - रोज मिलियन मैथ्यू नोबेल पुरस्कार विजेता- मदर टेरेसा शांति हेतु मिस वर्ल्ड से सम्मानित - सुश्री रीता फारिया मिस यूनिवर्स -सुश्री सुष्मिता सेन लोकसभा अध्यक्ष - मीरा कुमार ( 2009) देश की मेयर- सुश्री तारा चेरियन (मद्रास में वर्ष 1957) केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री - राजकुमारी अमृत कौर मुख्यमंत्री - सुचेता कृपलानी (उत्तर प्रदेश में) सांसद - सुश्री राधाबाई सुबारायन सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश - न्यायमूर्ति मीरा साहिब फातिमा बीबी उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश- न्यायमूर्ति लीला सेठ हिमाचल प्रदे श देश की सत्र न्यायधीश-  सुश्री अन्ना चांडी केरल में  यह भी जाने- भारत में प्रथम पुरुष माउंट एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही- सुश्री बछेंद्

भारत में प्रथम पुरुष

भारत में प्रथम पुरुष स्वतंत्र भारत के भारतीय गवर्नर जनरल- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भारतीय थल सेना के सेनापति - जनरल के.एम. करिअप्पा फील्ड मार्शल जनरल - एस.एच. एफ .जे. मानेक शॉ राष्ट्रपति - डॉ राजेंद्र प्रसाद उपराष्ट्रपति - डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रधानमंत्री- पंडित जवाहरलाल नेहरू ब्रिटिश गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल- वारेन हेस्टिंग्स आई सी एस - सत्येंद्र नाथ टैगोर   अंतरिक्ष यात्री - स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाले तैराक - मिहिर सेन रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करता - विनोबा भावे नोबेल पुरस्कार विजेता - रवींद्रनाथ टैगोर राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष - व्योमेश चंद्र बनर्जी लोकसभा अध्यक्ष- जी.वी मावलंकर यह भी जाने-  भारत में प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त - सुकुमार सेन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के भारतीय अध्यक्ष- न्यायमूर्ति डॉ नगेंद्र सिंह भारत रत्न से विभूषित विदेशी - खान अब्दुल गफ्फार खान भारतीय अंटार्कटिका अभियान दल के नेता- डॉ सैयद जहूर कासिम सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश- न्यायमूर्ति हीरालाल जे. कानिया भ

प्रमुख राष्ट्रीय तिथियां व प्रमुख अंतरराष्ट्रीय तिथियां या दिवस

                                       प्रमुख राष्ट्रीय तिथियां जनवरी 12 -राष्ट्रीय युवा दिवस ( स्वामी विवेकानंद की स्मृति में) जनवरी 15 -थल सेना दिवस जनवरी 24- राष्ट्रीय बालिका दिवस जनवरी 26-भारत का गणतंत्र दिवस  जनवरी 30 - शहीद दिवस बापू की पुण्य स्मृति में व राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मुक्तिकरण दिवस फरवरी 1 - तटरक्षक दिवस, कल्पना स्मृति दिवस फरवरी 24- केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस फरवरी 28 -राष्ट्रीय विज्ञान दिवस अप्रैल 14 -अंबेडकर जयंती  मई 11 -राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस  जुलाई 1 - चिकित्सक दिवस, भारतीय स्टेट बैंक स्थापना दिवस अगस्त 15 -भारत का स्वतंत्रता दिवस  अगस्त 20- सद्भावना दिवस राजीव गांधी की स्मृति में, मच्छर दिवस अगस्त 29 -राष्ट्रीय खेल दिवस मेजर ध्यानचंद की स्मृति में सितंबर 5 -शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में सितंबर 14- हिंदी दिवस अक्टूबर 2- महात्मा गांधी जयंती लाल बहादुर शास्त्री जयंती  अक्टूबर 4 -राष्ट्रीय एकता दिवस अक्टूबर 8- वायु सेना दिवस अक्टूबर 31- राष्ट्रीय संकल्प दिवस श्रीमती इंदिरा गांधी की स्मृति में अक्टूबर 31 -राष्ट्रीय ए

हृदय

चित्र
हृदय क्या आपने कभी सोचा है कि हमारा हृदय कैसे कार्य करता है??? तो आइए इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ----- हृदय एक पेशीय अंग है जो हमारी मुट्ठी के आकार का होता है| क्योंकि रुधिर को ऑक्सीजन वह कार्बन डाइऑक्साइड दोनों का ही वहन करना होता है अतःऑक्सीजन प्रचुर रुधिर को कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रुधिर से मिलने को रोकने के लिए हृदय के कोष्ठो में बंटा होता है |कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने के लिए फुफ्फुस मैं जाना होता है तथा फुफ्फुस से वापस ऑक्सीजनित रुधिर को हृदय में लाना होता है |यह ऑक्सीजन प्रचूर रुधिर तब शरीर के शेष हिस्सों में पंप किया जाता है| - हृदय हृदय हम इस प्रक्रम को विभिन्न चरणों में समझ सकते हैं-|- ऑक्सीजन प्रचुर फुफ्फुस से हृदय में बाई ओर स्थित कॉष्ठ- बाँया अलिंद मैं आता है |इस रुधिर को एकत्रित करते समय बाया अलिंद शिथिल रहता है| जब अगला कॉष्ठ -बाँया निलय, फैलता है तब यह संकुचित होता है जिससे रुधिर इसमें स्थानांतरित होता है| अपनी बारी पर जब पेशीय बाँया निलय संकुचित होता है ,तब रुधिर शरीर में पंपित हो जाता है| ऊपर वाला दाँया कॉष्ठ, दाँया अलिंद जब फैलता

भारत में पाई जाने वाली वनस्पति I भारत में पाए जाने वाले वन I

चित्र
हमारे देश में निम्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पतियां पाई जाती है। भारत में पाई जाने वाली वनस्पति (1) - उष्णकटिबंधीय वर्षा वन -  ये वन पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों लक्ष्यदीप अंडमान और निकोबार दीप समूह, असम के ऊपरी भागों तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित है। ये उन क्षेत्रों में भली-भांति विकसित है जहां 200 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा के साथ एक थोड़े समय के लिए शुष्क ऋतु पाए जाते हैं । इन वनों में वृक्ष 60 मीटर या इससे अधिक ऊंचाई तक पहुंचते हैं क्योंकि ये क्षेत्र वर्ष भर गर्म तथा आर्द्र रहते हैं ,अतः यहां हर प्रकार की वनस्पति वृक्ष झाड़ियां वे लताएं उठती हैं और वनों में इनकी विभिन्न ऊंचाइयों से कई स्तर देखने को मिलते हैं । वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं होता अतः यह साल भर हरे-भरे लगते हैं। इन वनों में सामान्य रूप से पाए जाने वाले जानवर -हाथी ,बंदर ,लैमूर और हिरण है। एक सींग वाले गैंडे असम और पश्चिम बंगाल के दलदली क्षेत्र में मिलते हैं। इसके अतिरिक्त इन जंगलों में कई प्रकार के पक्षी, चमगादड़ तथा कई रेंगने वाले जीव भी पाए जाते हैं। इन वनों के व्यापारिक महत्

First in World- general knowledge

सामान्य ज्ञान प्रश्न व उत्तर विश्व में प्रथम First in World- general knowledge उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाला प्रथम व्यक्ति----  रोबर्ट पियरी दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला प्रथम व्यक्ति---   एमण्डसेन बैं क नोट जारीकर्ता प्रथम देश-----  स्वीड कागजी मुद्रा जारी करने वाला पहला देश----  चीन संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रथम राष्ट्रपति-----  जॉर्ज वॉशिंगटन ब्रिटेन का प्रथम प्रधानमंत्री-----  रोबोट वालपोल वायुयान से पहली उड़ान भरने वाला व्यक्ति----  राइट बंधु विश्व के चारों और समुद्री यात्रा करने वाला प्रथम व्यक्ति-----  फर्डीनेंड मैगलन चंद्रमा पर मानव भेजने वाला प्रथम देश----  संयुक्त राज्य अमेरिका कृत्रिम उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपण करने वाला प्रथम देश------  रूस आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन करने वाला प्रथम देश----  यूनान चंद्रमा पर उतरने वाला प्रथम व्यक्ति----  नील आर्मस्ट्रांग अंतरिक्ष में पहुंचने वाला प्रथम व्यक्ति----  मेजर यूरी गागरिन अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला प्रथम अंतरिक्ष शटल----  कोलम्बिया(अप्रैल 1991) मंगल ग्रह पर उतरने वाला प्रथम अंतरिक्ष यान---

भारत का भूगोल

चित्र
  भारत का भूगोल - भारत एक विशाल देश है। यह उत्तरी गोलार्ध में स्थित है इसका मुख्य भाग 8°4' मिनट उत्तर से 37°6' उत्तर अक्षांश तथा 68°7' पूर्व से 97°5' पूर्वी देशांतर तक है कर्क रेखा 23°30' उत्तर में देश को लगभग 2 बराबर भागों में बांटती है। मुख्य भूभाग के दक्षिण पूर्व में, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में तथा दक्षिण-पश्चिम में लक्ष्यदीप समूह अरब सागर में स्थित है। भारत का मानचित्र भारत का भूभाग का कुल क्षेत्रफल 32. 8 लाख वर्ग किलोमीटर है । भौगोलिक क्षेत्रफल का यह 2.4 प्रतिशत है ।भारत विश्व का सातवां बड़ा देश है ।भारत की स्थल सीमा रेखा लगभग 15,200 किमी और समुद्री तटरेखा अंडमान और निकोबार दीप समूह तथा लक्ष्य दीप समूह के साथ 7,516. 6 किलोमीटर है। भारत के उत्तर पश्चिम उत्तर तथा उत्तर पूर्वी सीमा पर नवीनतम वलित पर्वत है। इसके दक्षिण का भूभाग उत्तर में चौड़ा है और 22° उत्तरी अक्षांश ए हिंद महासागर की ओर संकरा होता गया है । इसके पश्चिम में अरब सागर तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित है। गुजरात से अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय समय में 2 घंटे का अं

नमक यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन

चित्र
नमक यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन   देश को एकजुट करने के लिए महात्मा गांधी को नमक एक शक्तिशाली प्रत्येक दिखाई दिया । 31 जनवरी 1930 को उन्होंने वायसराय इरविन को एक खत लिखा खत में उन्होंने 11 मांगों का उल्लेख किया था । इनमें से कुछ सामान्य मांगे थी जबकि कुछ मांगे उद्योगपतियों से लेकर किसानों तक विभिन्न तबकों से जुड़ी थी । गांधीजी इन मांगों के जरिए समाज के सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ना चाहते थे ताकि उनके अभियान में सभी लोग शामिल हो सके । इनमें सबसे महत्वपूर्ण मांग नमक कर को खत्म करने के बारे में थी नमक का अमीर-गरीब सभी इस्तेमाल करते थे। यह भोजन का एक अभिन्न हिस्सा था इसीलिए नमक पर कर और उसके उत्पादन पर सरकारी इजारेदारी को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया था। कांग्रेस के नेताओं की बैठक कांग्रेस के नेताओं की बैठक महात्मा गांधी का यह पत्र एक अल्टीमेटम की तरह था उन्होंने लिखा था । कि अगर 11 मार्च तक उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कॉन्ग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ देगी । इरविन झुकने को तैयार नहीं थे । फल स्वरुप, महात्मा गांधी ने अपने 78 विश्वस्त वॉलिंटियरों के

रॉलट एक्ट एवं जलियांवाला बाग हत्याकांड

चित्र
रॉलट एक्ट एवं जलियांवाला बाग हत्याकांड जलियांवाला बाग गांधी जी ने 1919 में प्रस्तावित रॉलट एक्ट के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला लिया।  भारतीय सदस्यों के भारी विरोध के बावजूद इस कानून को इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ने बहुत जल्दबाजी मैं पारित कर दिया था ,इस कानून के जरिए सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनीतिक कैदियों को 2 साल तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था ।महात्मा गांधी एसे अन्याय पूर्ण कानूनों के खिलाफ अहिंसक ढंग से नागरिक अवज्ञा चाहते थे ,इसे 6 अप्रैल को एक हड़ताल से शुरू होना था। यह भी पढे - नमक यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन विभिन्न शहरों में रैली जुलूस का आयोजन किया गया, रेलवे वर्कशॉप में कामगार हड़ताल पर चले गए, दुकानें बंद हो गई इस व्यापक जन उभार से चिंतित तथा रेलवे व टेलीग्राफ जैसी संचार सुविधाओं के भंग हो जाने की आशंका से भयभीत अंग्रेजों ने राष्ट्रवादियों पर दमन शुरू कर दिया ,अमृतसर में बहुत सारे स्थानीय नेताओं को हिरासत में ले लिया गया ।गांधी जी के दिल्ली में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी गई ।10 अ

दृष्टि दोष

चित्र
दृष्टि दोष मनुष्य में तीन प्रकार के सामान्यतः दृष्टि दोष पाए जाते हैं 1- निकट दृष्टि दोष निकट दृष्टि दोष को निकट दृष्टिता भी कहते हैं। निकट दृष्टि दोष युक्त कोई भी व्यक्ति निकट रखी वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है, परंतु दूर रखी वस्तुओं को वह सुस्पष्ट नहीं देख पाता ।ऐसे दोष युक्त व्यक्ति का दूर बिंदु अनंत पर न होकर नेत्र के पास आ जाता है ,ऐसा व्यक्ति कुछ मीटर दूरी तक रखी वस्तुओं को ही सुस्पष्ट देख पाता है ।निकट दृष्टि दोष युक्त नेत्र में किसी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिंब दृष्टि पटल के सामने बनता है । इस दोष के उत्पन्न होने के कारण हैं - अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अत्यधिक होना । नेत्र गोलक का लंबा हो जाना । इस दोष को किसी उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस के उपयोग द्वारा संशोधित किया जा सकता है ।उपयुक्त क्षमता का अवतल लेंस वस्तु के प्रतिबिंब को वापस दृष्टि पटल पर ले आता है तथा इस प्रकार इस दोष का संशोधन हो जाता है। दृष्टि दोष  - दीर्घ दृष्टि दोष - दीर्घ दृष्टि दोष को दूर दृष्टिता भी कहते हैं । दीर्घ दृष्टि दोष युक्त कोई व्यक्ति दूर की वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है

न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत । न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की कमियां

चित्र
 न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत - सन् 1866 में अंग्रेज वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंड्स ने ज्ञात तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया, उन्होंने सबसे कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व हाइड्रोजन से आरंभ किया तथा 56 वें तत्व थोरियम पर इसे समाप्त किया , "न्यूलैंड्स के अनुसार प्रत्येक आठवे तत्व के गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म के समान है उन्होंने इसकी तुलना संगीत के अष्टक से की, इसे न्यूलैंड्स का   अष्टक सिद्धांत कहा जाता है।" (भारतीय संगीत प्रणाली में भी संगीत के सात सुर होते हैं ( सा रे गा मा पा धा नि) इसकी बार बार पुनरावृति करने पर प्रत्येक आठवां सुर पहले सुर जैसा होता है तथा अगली पंक्ति का पहला सुर होता है) न्यूलैंड्स के अष्टक में लिथियम एवं सोडियम के गुणधर्म समान थे । सोडियम, लिथियम के बाद आठवां तत्व है इसी तरह बेरिलियम एवं मैग्नीशियम में अधिक समानता है। न्यूलैंड्स के अष्टक के मूल रूप का एक भाग सारणी में दिया गया है। न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की कमियां 1- ऐसा देखा गया कि अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्शियम तक ही लागू होता था क्योंकि कैल्शियम के बाद प्र

साबुन के कार्य करने की क्रिया विधि

चित्र
अधिकांश मैल के लिए होते हैं और आप जानते हैं कि तेल पानी में अघुलनशील होता है साबुन के अणु लंबी श्रंखला वाले कार्बोऑक्सिलिक अम्लों के सोडियम एवं पोटेशियम लवण होते हैं साबुन का आयनिक भाग जल में घुल जाता है जबकि कार्बन श्रृंखला तेल में गुल जाती है इस प्रकार साबुन के अणु मिसेली संरचना तैयार करते हैं - यहां आपको साबुन की क्रियाविधि समझने के लिए मिसेल शब्द का अर्थ समझना होगा (मिसेल - साबुन केे ऐसे अणु होते हैंं जिनके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते हैं जल में विलय एक सिरे को जलरागी कहते हैंं तथा हाइड्रोकार्बन में विलय दूसरे सिरे को जलविरागी कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने को इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं की इनका आयनिक सिरा जल के अंदर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूंछ (दूसरा छोर) जल के बाहर होता है ।जल के अंदर इन अणुुुओ की एक विशेष व्यवस्था होती हैंं जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है ।ऐसा अणुुुओ का बड़ा गुच्छा बनने के कारण होता है जिसमें जलविरागी पूंछ गुच्छे के आंतरिक हिस्सेे में होती है जबकि उसका आयनिक सिरा गुच्छे की सतह पर होता है

शैवाल

चित्र
शैवाल - शैवाल क्लोरोफिल युक्त, सरल ,थैलॉयड, स्वपोषी तथा मुख्यतः जलीय ( अलवणीय जल तथा समुद्री दोनों का) जीव है। यह अन्य आवासों जैसे नम युक्त पत्थरों ,मिट्टी तथा लकड़ी में भी पाए जाते हैं शेवाल कायिक, अलैंगिक तथा लैंगिक जनन करते हैं। कायिक जनन विखंडन विधि द्वारा होता है। अलैंगिक जनन बीजाणुओ द्वारा होता है, ये बीजाणु जूस्पोर होते हैं। शैवालो को तीन प्रमुख भागों में विभक्त किया जाता है- क्लोरोफाइसी फियोफाइसी रोडोफायसी क्लोरोफाइसी- इसके सदस्यों को प्राय हरा शैवाल कहते हैं, ये एक कोशिक ,कॉलोनीमय अथवाा तंतुमयी हो सकते हैं । क्लोरोफिल aतथा b प्रभावी होने के कारण इनका रंग हरी घास की तरह होता है। वर्णक सुस्पष्ट क्लोरोप्लास्ट में होते हैं ।क्लोरोप्लास्ट डिस्क प्लेट की तरह जालिकाकार ,कप के आकार ,सर्पिल अथवा रिबन के आकार के हो सकते हैं। इनमें संचित भोजन स्टार्च के रूप में होता है। हरे शैवाल में प्रायः एक कठोर कोशिका भित्ति होती है जिसकी भीतरी सतह सैलूलोज की तथा  बाहरी सतह पेक्टोज की बनी होती है। कायिक जनन प्राय: तंतु के टूटने से अथवा विभिन्न प्रकार के बीज

उत्सर्जन के आधार पर प्राणी

चित्र
उत्सर्जन के प्रकार - उत्सर्जन- किसी भी प्राणी के शरीर में होने वाली उपापचयी क्रियाओं के फल स्वरूप बनने वाले नाइट्रोजन युक्त अपशिष्ट पदार्थों को जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। विभिन्न प्राणियों के नाइट्रोजन युक्त अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन अलग-अलग स्वरूपों में किया जाता है। इसी आधार पर प्राणियों को  विभिन्न श्रेणियों में विभक्त किया जाता है (i)- वे प्राणी जो अमीनो अम्लों के रूप में ही कुछ उत्सर्जी पदार्थों को त्यागते            अमीनोटेलीक प्राणी कहलाते हैं जैसे-यूनियो लिम्निया तथा संघ इकाईनोडर्मेटा (॥)-वे प्राणी जो अपने उत्सर्जी पदार्थों को अमोनिया के रूप में त्यागते अमोनोटलिक प्राणी कहलाते हैं इसके अंतर्गत अमीनो अम्लों के विघटन के फलस्वरूप अमोनिया बनती है जो अत्यंत विषैली, हानिकारक तथा जल में घुलनशील होती है इस कारण अमोनिया को अधिक समय तक शरीर में संचित नहीं किया जा सकता है अधिकांश जरिए जंतु इसे इसी रूप में उत्सर्जित कर देते हैं जैसे संघ प्रोटोजोआ पोरीफेरा सिलेन्ट्रेटा संघ ऐनेलिडा के वर्ग पॉलीकीटा के

कंकाल (skeleton)

चित्र
कंकाल- कंकाल क्या है????? नमस्कार दोस्तों आज हम चर्चा करेंगे कंकाल क्या है- प्राणियों के शरीर में पाई जाने वाली कठोर संरचनाएं जो शरीर को सहारा  तथा मजबूत आधार प्रदान करती हैं कंकाल कहलाती है] कंकाल के प्रमुख कार्य- सबसे महत्वपूर्ण यह शरीर को सहारा प्रदान करने का कार्य करता है यह शरीर की आकृति निश्चित बनाए रखने में सहायक होता है कंकाल मांसपेशियों के जुड़ने का स्थान उपलब्ध करवाता है गति के समय यह उत्तोलक का कार्य करता है कंकाल शरीर के कोमल अंगों की सुरक्षा भी करता है जैसे मनुष्य का कपाल एवं कशेरुक दंड केंद्रीय तंत्रिका की सुरक्षा करता है तथा पसलियों फेफड़ों यकृत हृदय आदि कोमल अंगों की सुरक्षा करने का कार्य भी करता है प्राणीयों मे कंकाल तीन प्रकार का हो सकता है-                          तो आइए हम अब इनके बारे में चर्चा करते हैं द्रव स्थैतिक कंकाल (Hydrostatic skeleton) बाह्य कंकाल           (ExoSkeleton) अन्तः कंकाल          (Endoskeleton)                 अब हम सबसे पहले द्रव स्थैतिक कंकाल के बारे में अध्ययन करेंगे- कुछ प्राणियों